1929 में
1931 में
1930 में
1932 में
31 जनवरी 1930 को गाँधी जी ने सरकार से 11 सूत्री मांग रखी। गाँधी जी के इस मांग पर सरकार का कोई भी सकारात्मक रूख नहीं अपनाया। फलतः 14 फरवरी 1930 ई. को साबरमती में कांग्रेस की एक बैठक में गाँधी जी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा चलाने का निश्चत किया गया। इसी दौरान 2 मार्च 1930 ई. को गाँधी जी ने फिर से सरकार को चिट्टी लिखी लेकिन सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। इसकी के बाद गाँधी जी 12 मार्च 1930 को दांड़ी मार्च प्रारंभ किया।
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