रौलेट एक्ट के समर्थन हेतु
नमक कानून के समर्थन हेतु
नमक कानून तोड़ने हेतु
रौलेट एक्ट के विरोध में
वेब मिलर - दांडी मार्च से अभिप्राय उस पैदल यात्रा से है, जो महात्मा गाँधी और उनके स्वंय सेवकों द्वारा 12 मार्च 1930 ई. को प्रारंभ की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्यों था “अंग्रेजों द्वारा बनाए गए नमक कानून को तोड़ना ” । गाँधी जी ने अपने 78स्वंय सेवकों, जिनमें वेब मिलर भी एक था, के साथ-साथ साबरमत्ती आश्राम प्रस्थान किया। लगभग 24 दिन बाद 6 अप्रैल 193. ई. को दांड़ी पहुँचकर उन्होंने समुद्रतट पर नमक कानून को तोड़ा।
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