सत्ता हस्तांतरण की तिथि
डोमिनियन स्टेटस प्रदान करना
सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व
सविनय अवज्ञा आंदोलन का स्थगन
द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में राजनीतिज्ञों की कुटिल चाल के कारण साम्प्रदायिक समस्या उभरकर सामने आई। अधिवेशन की मुख्य समस्या संघीय ढाँचे एवं अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा से सम्बंधित थी। इन दोनों समितियों में गाँधी जी को रखा गया । हिंदू-बुद्धिजीवी वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधियों ने उत्तरदायी सरकार की माँग की, किन्तु जिन्ना तथा आगा खान ने इसका विरोध किया । मुस्लमानों के अतिरिक्त अम्बेडकर ने अनूसुचित जातियों के पृथक निर्वाचक मण्डल की मांग की।
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