98
99
100
101
122 वां जो कि 101 वांं संशोधन वस्तु एवं सेवा कर के रूप में 2016 में पास हुआ जबकि 123 संशोधन विधेयक राज्य सभा में लम्बित है जो पिछड़ा वर्ग आयोग के लिए है। 99वां संशोधन के द्वारा राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया था जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने 2015 में रद्द कर दिया।
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