धारा 97
धारा 98
धारा 99
धारा 100
भारतीय दंड संहिता के धारा 97 के तहत किसी व्यक्ति को शरीर के प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार प्राप्त है। धारा 96 में प्राइवेट प्रतिरक्षा संबंधित अधिकार को परिभाषित किया गया है। धारा 98 में ऐसे व्यक्ति के कार्य के विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार प्राप्त है जो विकृतचित्त आदि हो। धारा 100 में शरीर के प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार प्राप्त था।
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