मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष
उच्च न्यायालय के समक्ष
सत्र न्यायालय के समक्ष
(b) और (c) दोनों के समक्ष
दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 438 में किसी अजमानतीय अपराध के लिए गिरफ्तार किए जाने की आशंका वाले किसी व्यक्ति को गिरफ्तारी से बचने के लिए न्यायालय से अग्रिम जमानत लेने का उपबंध है। अग्रिम जमानत मंजूर करने का क्षेत्राधिकार उच्च न्यायालय या सत्र न्यायालय को है। अग्रिम जमानत के प्रावधान को 1 मई, 1976 में उ.प्र. में निरसित कर दिया गया है जिसे पुनः प्रवर्तित किए जाने पर विचार चल रहा है।
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