धारा 2 (1)
धारा 2 (2)
धारा 2 (3)
धारा 2 (4)
किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 2(2) में दत्तक ग्रहण परिभाषित है। इसके अनुसार, यह ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम में दत्तक बालक को उसके जैविक माता - पिता के स्थायी रुप से अलग कर दिया गया है और वह अपने दत्तक माता - पिता का ऐसे सभी अधिकारों, विशेषाधिकारों और दत्तरदायित्वों सहित, जो किसी वैध बालक से जुड़े हों, जैविक बालक बन जाता है।
Post your Comments