रुढ़िगत सेवा अन्य व्यक्ति को देने के लिए या उसे प्राप्त करने के लिए सामाजिक संबंधों से प्रतिविरत रहने के लिए
अन्य व्यक्तियों से अलग करने के लिए किसी व्यक्ति को अनुज्ञात करने से इंकार करना
धारा 2 (ड.) (ख) के अधीन परिभाषित बहिष्कार
उपर्युक्त सभी
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 2 (ड. ख) में सामाजिक बहिष्कार को परिभाषित किया गया है। इसके अनुसार, सामाजिक बहिष्कार से कोई रुढ़िगत सेवा अन्य व्यक्ति को देने के लिए या उससे प्राप्त करने के लिए या ऐसे सामाजिक संबंधों से प्रविरत रहने के लिए, जो अन्य व्यक्ति से बनाए रखे जाएं या अन्य व्यक्तियों से उसको अलग करने के लिए किसी व्यक्ति को अनुज्ञात करने से इंकार करना अभिप्रेत है।
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