अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सदस्यों पर अत्याचार रोकने हेतु
विशेष न्यायालयों तथा अनन्य विशेष न्यायालयों द्वारा पीड़ित व्यक्तियों को राहत देने हेतु तथा अपराधों के विचारण के लिए
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के पुनर्वास संबंधी विषयों का उपबंध करने के लिए
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की उद्देशिका में इस अधिनियम का उद्देश्य दिया हुआ है। उद्देशिका के अनुसार, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों पर अत्याचार का अपराध करने का निवारण करने के लिए, ऐसे अपराधों के विचारण के लिए विशेष न्यायालयों और अनन्य विशेष न्यायालयों का तथा ऐसे अपराधों से पीड़ित व्यक्तियों को राहत देने का, उनके पुनर्वास का तथा उससे संबंधित या उनके आनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के लिए यह अधिनियम बनाया गया है। इस उद्देशिका में विशेष न्यायालय और अनन्य विशेष न्यायालय संशोधन अधिनियम, 2015 द्वारा जोड़ा गया है।
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