छः मास का कारावास
दस वर्ष का कारावास
मृत्युदंड
आजीवन कारावास
अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3 (2) (i) में अधिकतम दंड मृत्युदंड का प्रावधान है। धारा 3 (2) (i) के अनुसार - कोई भी व्यक्ति, जो अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का सदस्य नहीं है वह अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य को किसी अपराध में फंसाने के लिए मिथ्या साक्ष्य देगा या गढ़ेगा जिसका दंड मृत्युदंड से दंडनीय होगा या आजीवन कारावास और जुर्माने से दंडनीय होगा। इस प्रकार यदि अनुसूचित जाति या जनजाति के किसी निर्दोष सदस्य को दोषसिद्धि कर फांसी दी जाती है तो उस व्यक्ति को जिसने ऐसा मिथ्या साक्ष्य दिया है या गढ़ा है, मृत्युदंड से दंडित किया जाएगा।
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