गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
मिनर्वा मिल्स बनाम यूनियन ऑफ इंडिया
केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
इंदिरा नेहरु गांधी बनाम राजनारायण
मिनर्वा मिल्स वाद में उच्चतम न्यायालय ने 42 वें संशोधन से अनुच्छेद 368 में जोड़े गए खंड 4 और 5 को शून्य घोषित कर दिया। खंड 4 में प्रावधान था कि संसद द्वारा कोई संशोधन किसी न्यायालय में किसी भी आधार पर प्रश्नगत नहीं किया जाएगा। खंड 5 में संसद को असीम शक्ति का अधिकार दिया गया था। उच्चतम न्यायालय ने उपर्युक्त दोनों खंड को समाप्त कर न्यायिक पुनर्विलोकन को संविधान का मूल लक्षण माना।
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