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तबला वादक
सरोद संगीतज्ञ
कथक नर्तक
ध्रुपद गायक
उमाकांत और रमाकांत गुंडेया बंधु ध्रुपद गायक थे। ध्रुपद शास्त्रीय संगीत की समृद्ध गायन शैली को बचाने और आगे बढ़ाने में डागर घराने की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
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