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पश्चिमी प्रशांत के देश पलाऊ ने सनस्क्रीन पर प्रतिबंध लगा दिया है और ऐसा करने वाला वह पहला देश बन गया है। वैज्ञानिकों द्वारा किये गये शोध के अनुसार, प्रत्येक वर्ष विश्व के महासागरों में 14,000 टन सनस्क्रीन समाहित हो जाता है जिससे जलीय जीवन को बड़े स्तर पर नुकसान होता है। वैज्ञानिक शोधकर्ताओं का कहना है कि सनस्क्रीन में पाए जाने वाले रसायन कोरल ब्लीचिंग का कारण बन सकते हैं और उनके हार्मोनल सिस्टम में हस्तक्षेप करके मछलियों के प्रजनन को भी प्रभावित कर सकते हैं। कोरल रीफ - को हिंदी में प्रवाल भित्ति या प्रवाल शैल कहते हैं। ये असल में समुद्र में पाई जाने वाली चट्टानें हैं,जो प्रवालों द्वारा छोड़े गए कैल्शियम कार्बोनेट से बनती है।
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