सुजीत पाण्डेय
आलोक सिंह
अभिय सिंह
अश्वनी कुमार पासवान
वह भी एडीजी स्तर के अधिकारी हैं। भारतीय पुलिस अधिनियम, 1861 के भाग 4 के तहत जिलाधिकारी के पास पुलिस पर नियंत्रण करने के कुछ अधिकार होते हैं। इसके अलावा, दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को कानून और व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिये कुछ शक्तियां देता है। अगर हम इसे सामान्य भाषा में समझें तो पुलिस अधिकारी कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं, वे आकस्मिक परिस्थितियों में डीएम या मंडल कमिश्नर प्रणाली लागू होते ही पुलिस के अधिकार बढ़ गए हैं। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पुलिस को जिलाधिकारी (डीएम) आदि अधिकारियों के फैसले का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। पुलिस फैसले लेने के लिए ज्यादा ताकतवर हो गई है। जिले के कानून व्यवस्था से जुड़े सभी फैसलों को लेने का अधिकार कमिश्नर के पास होगा।
Post your Comments