अफ्रीकी चीता
ऑस्ट्रेलियाई चीता
साइबेरिया चीता
यूरोपीय चीता
मई 2012 में सर्वोच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश में कूनों पालपुर वन्यजीव अभयारण्य में विदेशी चीतों को लाने की योजना पर रोक लगा दी थी।
किसी प्रजाति के पुनर्स्थापन का मतलब है कि इसे उस क्षेत्र में रखना जहाँ यह जीवित रहने में सक्षम है।
अफ्रीकी चीता को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की लाल सूची में ‘सुभेद्य’ (Vulnerable) श्रेणी में रखा गया है।
भारत सरकार ने अफ्रीकी प्रजाति के चीतों को भारत में लाने के लिये प्रोजेक्ट चीता (Project Cheetah) परियोजना की शुरुआत की है।
प्रोजेक्ट चीता के तहत मध्य प्रदेश के कूनों पालपुर वन्यजीव अभयारण्य और नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य के अलावा राजस्थान के जैसलमेर जिले में शाहगढ़ का चयन किया गया है।
इन अभयारण्यों में नामीबिया से अफ्रीकी प्रजाति के चीते लाए जाएंगे।
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