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यह प्रस्ताव पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने सदन में पेश किया था। इससे पहले केरल, पंजाब और राजस्थान में इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाया जा चुका है। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने 06 सितंबर 2019 को एनआरसी के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया था। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए गैर-मुस्लिम समुदायों- हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी तथा ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।
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