सामाजिक समानता का सिध्दांत
जैन धर्म के दार्शनिक सिध्दांत
बौद्ध साहित्य
तीर्थकरों का जीवन चरित्र
बौद्ध साहित्यों में महात्मा बुध्द के ज्ञान प्राप्त करने के समय से लेकर महापरिनिर्वाण तक के प्रवचनों को संग्रहित किया गया है इन्हीं को त्रिपिटक कहते हैं। इन्हें तीन भागों में बाँटा गया है- विनय पिटक, अभिधम्म पिटक व सुत्त पिटक। विनय पिटक की रचना उपालि ने की, जिसमें बौद्ध संघ के नियमों का वर्णन है तथा सुत्तपिटक की रचना आनन्द ने की थी, जिसमें बुध्द के उपदेशों और संवादों की संग्रह है। अभिधम्म की रचना तिस्तय ने की थी, जिसमें बुध्द के आध्यात्मिक एवं दार्शनिक विचारों का संकलन है।
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