चीनी यात्री ह्वेनसांग ने किस विश्वविद्यालय में अध्ययन किया था -

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    तक्षशिला

  • 2

    मगध

  • 3

    नालन्दा

  • 4

    विक्रमशिला

Answer:- 3
Explanation:-

यह भारत 630 ई. में आया और 13 वर्षो तक भारत में रहा। यह हर्षवर्द्धन के दरबार में 635-643 ई. तक रहा। हर्षवर्द्धन द्वारा कन्नौज में आयोजित 5 वें बौद्ध संगीति की अध्यक्षता की तथा प्रयागराज में आयोजित होने वाले महामोक्ष परिषद में इसने हर्षवर्द्धन के साथ भाग लिया। इसने भारत की तत्कालीन धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक तथा सामिजिक व्यवस्था का वर्णन किया। इसने भारत से 657 हस्तलिखित ग्रंथ ले गया, जिसमें से 74 ग्रंथों का अनुवाद चीनी भाषा में किया। ह्वेनसांग चीन के तांगवंशीय शासक ताई सुंग का समकालीन था तथा इसी के राज्य का निवासी था। ह्वेनसांग चालुक्य वंशीय शासक पुलेशिन - II तथा पल्लव वंशीय शासक नरसिम्ह वर्मन - I तथा मैत्रेयक वंशीय वल्लभी के शासक ध्रुवसेन - II के दरबार में गया। हर्षवर्धन के शासनकाल में प्रसिध्द चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भारत की यात्रा की थी तथा नालन्दा विश्वविद्यालय में योगशास्त्र का अध्ययन किया। ह्वेनसांग ने हर्षवर्धन को शीलादित्य कहा है। ह्वेनसांग की पुस्तक का नाम सी-यू-की है। उस समय यहाँ के कुलपति आचार्य शीलभद्र थे। ह्वेनसांग को यात्रियों का राजुकमार तथा वर्तमान शाक्यमुनि कहा गया।

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gajab ka explanation haa sir haa sir aap v bhut osm haa ma bhut time aapka YouTube channel pa he gk sb padhta huuu thanks sir aapka krna gk padhna ma mn lagta haa

  • 22 Jun 2020 08:46 AM

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