अशोक
शंकराचार्य
माधव विद्यारण्य
रामानुज
आदि शंकराचार्य ने चार मठों (श्रृंगेरी, बद्रीनाथ, द्वारका तथा पुरी) को स्थापित किया तथा उनमें मठाधीशों की नियुक्त की, जो बाद में स्वयं शंकराचार्य कहलाने लगे। स्मार्त सम्प्रदाय में शंकराचार्य शंकर के अवतार मान जाते हैं। इन्होंने ब्रह्मसूत्रों की बड़ी ही विशद और रोचक व्याख्या प्रस्तुत की है। वेदांत का भी प्रसार किया है।
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