नवल जी टाटा
सर जमशेदजी
बहरामजी एम. मालाबारी
रतन जी टाटा
19वीं सदी के प्रसिध्द पारसी समाज सुधारक बहरामजी एम. मालाबारी थे। इन्होंने बाल विवाह के विरूध्द तथा विधवा-पुनर्विवाह के समर्थन में एक का संपादन किया था। बहरामजी एम. मालाबारी के प्रयत्नों के फलस्वरूप 1891 ई. में बाल विवाह को प्रतिबंंधित करने वाला एक प्रस्ताव लाया गया, जिसे मालाबारी प्रस्ताव कहा जाता है। इसके परिणामस्वरूप एक अधिसूचना पारित हुई जिसे आयु सम्मति अधिनियम कहा गया, जिसमें 12 वर्ष से कम आयु की कन्याओं के विवाह पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
Post your Comments