बंगाल में
असम मे
अवध में
मद्रास में
तल्लुकदारी अथवा महालवाड़ी व्यवस्था में राजस्व व्यवस्था प्रत्येक महाल के साथ स्थापित हुई। ‘महाल’ से तात्पर्य है जागीर अथवा गाँव। इस पध्दति के जन्मदाता हाल्ट मैकेन्जी थे। 1833 ई. में मार्टिन बर्ड तथा टामसन के बंदोबस्त में यह अपने सबसे अच्छे रूप में सामने आयी। इसी व्यवस्था में पहली बार मानचित्रों तथा पंजियों का प्रयोग किया गया। इस व्यवस्था के अंतर्गत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रांत तथा पंजाब प्रांत आते थे जो कि ब्रिटिश भारत का 30% क्षेत्र था।
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