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मलयालम
प्रसिद्ध कवि और मलयालम विद्वान पुथुसरी रामचंद्रन का हाल ही में 91 वर्ष की आयु में निधन हुआ। उन्होंने 2013 में केंद्र सरकार द्वारा मलयालम को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। रामचंद्रन ने कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते हैं, जिनमें साहित्य अकादमी पुरस्कार, एज़ुथचन पुरुस्कारम, केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार इत्यादि शामिल हैं। वह केरल के कम्युनिस्ट आंदोलन से भी जुड़े थे। शशि थरूर (एन इरा ऑफ डार्कनेस - अंग्रेजी) तथा नाटककार नंद किशोर आचार्य (छीलते हुए अपने को - हिन्दी) समेत 23 लेखकों को साहित्य अकादमी पुरस्कार 2019 के लिए चुना गया है।
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