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उत्तराखंड में पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। इसके साथ ही 5 सितंबर, 2012 का वह शासनादेश प्रभावी हो गया है, जिसमें पदोन्नति से आरक्षण समाप्त करते हुए विभागीय पदोन्नति करने के आदेश जारी किये गए थे। अनुमानतः इस निर्णय से तकरीबन 30 हजार कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। भारत की सदियों पुरानी जाति व्यवस्था और छुआछूत जैसी कुप्रथाएँ देश में आरक्षण व्यवस्था की उत्पत्ति का प्रमुख कारण हैं। सरल शब्दों में आरक्षण का अभिप्राय सरकारी नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों और विधायिकाओं में किसी एक वर्ग विशेष की पहुँच को आसान बनाने से है।
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