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उबाल कर
छान कर
आसवन कर
निथार कर
आसवन विधि द्वारा जल की दोनों प्रकार की कठोरता (अस्थायी एवं स्थायी) दूर की जा सकती है। इस विधि में जल को उबालकर वाष्प के रूप में परिणत कर लिया जाता है तथा पुनः वाष्प को संघनित कर जल में परिवर्तित कर लेते हैं।
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