अमिताभ घोष
शिवांगी यादव
चंदर सुता डोगरा
इनमें से कोई नहीं
ये वर्तमान में आउटलुक में एक वरिष्ठ पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। यह पुस्तक 1965 और 1971 ते भारत-पाक युध्दों के मिशन के दौरान लापता भारतीय सैनिकों से संबोधित होती है और जिसमें यह भी पता लगाने का प्रयास किया जाता है कि उनके साथ क्या हुआ, जिसके बाद इस बात पर बहस शुरू होने के आसार है कि सैनिकों को अक्सर सरकारों द्वारा मोहरे के रूप में कैसे इस्तेमाल किया जाता है।
Post your Comments