सरकार के ऋण में कमी आती है।
अर्थव्यवस्था में मौद्रिक तरलता में कमी आती है।
देश में अधिक विदेशी प्रत्यक्ष पूँजी निवेश आता है।
वांछित क्षेत्रों में ऋण प्रवाह बढ़ता है।
रिजर्व बैंक अनुसूचित बैंकों को उनके जमा का 3 से 15 प्रतिशत तक नकद रिजर्व बैंक के पास रखने के लिए बाध्य कर सकता है। CRR की दर जितनी ही ऊँची होगी व्यापारिक बैंकों की साख सृजन की क्षमता उतनी ही कम होगी। जुलाई, 1989 में CRR की दर को 15 प्रतिशत कर दिया गया। 1991 में CRR में निरन्तर कमी लायी गयी है। 21 अप्रैल 2009 को इसे 5% किया गया पर 29 जनवरी 2010 से इसे 5.75% कर दिया गया। 13 फरवरी 2010 से 5.50% तथा 27 फरवरी 2010 से 5.75% प्रभावी होगा।
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