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OPEC – ऑर्गेनाइज़ेन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज। 13 देश हैं। – सऊदी अरब, ईरान, इराक, कुवैत, लीबिया, नाइजीरिया, यूएई, अल्जीरिया, अंगोला, कांगो, इक्वेटोरियल गिनी, गैबन, वेनेजुएला। दरअसल, सऊदी अरब और रूस के बीच प्राइस वार की वजह से तेल के दाम लगातार घटे थे। प्राइस वार की वजह से क्रूड आयल रेट 20 डॉलर से भी नीचे चले गए थे, जो बाद में बढ़ भी गया था। अब प्राइस वार खत्म हुई है और सऊदी अरब और रूस ने समझौता कर लिया है। यह समझौता 12 अप्रैल को हुआ। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के समूह (OPEC) और दूसरे तेल उत्पादक देश प्रतिदिन 9.7 मिलियन बैरल उत्पादन कम करने पर सहमत हुए हैं, इसका मकसद तेल की कीमतों को बढ़ाना है। दरअसल, रूस और सऊदी अरब के विवाद तथा कोरोना वायरस महामारी के कारण गिरी मांग से कच्चे तेल की वैश्विक कीमतें 30 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘ओपेक प्लस के साथ अहम तेल समझौता हुआ है। इससे अमेरिका में ऊर्जा क्षेत्र की लाखों नौकरियां बच जाएंगी।’
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