कपोत
मसूरक
इंडो-इस्लामिक
वर्तुलाकार
किस्सा ख्वानी बाज़ार (Qissa Khwani Bazaar) नरसंहार को 90 बरस बीत गए हैं। 23 अप्रैल, 1930 को खुदाई खिदमतगार (Khudai Khidmatgar) आंदोलन के अहिंसक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ब्रिटिश सैनिकों द्वारा की गई नरसंहार कार्यवाही के रूप में इतिहास में दर्ज यह स्थल इंडो-इस्लामिक स्थापत्य शैली का एक उदाहरण है। खुदाई खिदमतगार कौन थे? खान अब्दुल गफ्फार खान ने वर्ष 1929 में खुदाई खिदमतगार (सर्वेंट ऑफ गॉड) आंदोलन की शुरुआत की। सामान्य लोगों की भाषा में वे सुर्ख पोश थे। खुदाई खिदमतगर आंदोलन गांधी जी के अहिंसात्मक आंदोलन से प्रेरित था।
very good explaination