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गौरतलब है कि क्लासिकल स्वाइन बुखार को हॉग हैजा के नाम से भी जाना जाता है। यह एक संक्रामक बुखार है जो सूअरों के लिये जानलेवा साबित होता है। स्वाइन फ्लू से मनुष्य संक्रमित होते हैं, जबकि इसके विपरीत क्लासिकल स्वाइन बुखार से केवल सूअर ही संक्रमित होते हैं। समय रहते सूअरों के उचित टीकाकरण से ही इसे नियंत्रित किया जा सकता है। भारत में इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिये वर्ष 1964 से यूके आधारित एक लैपिनाइज़्ड क्लासिकल स्वाइन बुखार वैक्सीन का उपयोग किया जा रहा है। हाल ही में भारत में भी क्लासिकल स्वाइन बुखार से बचाने हेतु ‘एक स्वास्थ्य पहल’ के तहत एक नई वैक्सीन विकसित की गई है।
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