1 सही है
2 सही है
1 और 2 सही है
इनमें से कोई नहीं
प्रत्येक वर्ष दुनिया भर के कई हिस्सों में 1 मई को ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस जनसाधारण को नए समाज के निर्माण में श्रमिकों के योगदान और ऐतिहासिक श्रम आंदोलन का स्मरण कराता है। हे मार्केट घटना - 1 मई, 1886 को शिकागो में हड़ताल का रूप सबसे आक्रामक था। शिकागो उस समय जुझारू वामपंथी मज़दूर आंदोलनों का केंद्र बन गया था। 1 मई को शिकागो में मज़दूरों का एक विशाल सैलाब उमड़ा और संगठित मज़दूर आंदोलन के आह्वान पर शहर के सारे औज़ार बंद कर दिये गए और मशीनें रुक गईं। मज़दूर आंदोलन को कभी भी वर्ग-एकता के इतने शानदार और प्रभावी प्रदर्शन का एहसास नहीं हुआ था। इस आंदोलन ने अमेरिकी मज़दूर वर्ग की लड़ाई के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया। भारत में मज़दूर दिवस पहली बार चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) में 1 मई, 1923 को आयोजित गया था। यह पहल सर्वप्रथम लेबर किसान पार्टी के प्रमुख सिंगारवेलर द्वारा की गई थी। मज़दूर दिवस या मई दिवस को भारत में 'कामगार दिन’ के रूप में भी जाना जाता है, मराठी में इसे ‘कामगार दिवस' और तमिल में 'उझिपालार नाल' कहा जाता है। भारत में वर्ष 1986 का बाल श्रम अधिनियम, जिसके तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नियोजित करना प्रबंधित कर दिया, बेहतर श्रम मानकों को प्राप्त करने और बच्चों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को समाप्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम था। 1886 में 1 मई को पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका में लोगों ने काम की अवधि को अधिकतम 8 घंटे प्रति दिन निर्धारित करने के लिए हड़ताल शुरू की थी।
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