रक्षा एवं अनुसंधान क्षेत्र
विमानन क्षेत्र
चिकित्सा क्षेत्र
वैज्ञानिक उपकरण
हाल ही के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज में, वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सरकार भारत को विमान के वैश्विक रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) हब बनाने के लिए कदम उठा रही है। विमान पुर्जों की मरम्मत और एयरफ्रेम रखरखाव तीन वर्षों में 800 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,000 करोड़ रुपये तक पहुँचने की उम्मीद है, भारत इस अवसर का उपयोग कर सकता है। दुनिया के प्रमुख इंजन निर्माताओं को भविष्य में भारत में इंजन मरम्मत की सुविधा स्थापित करने की उम्मीद है। मंत्री ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर छह और हवाई अड्डों की नीलामी की भी घोषणा की।
Post your Comments