रूस
यूएसए
भारत
फ्रांस
यह ट्रीटी 24 मार्च 1992 में हेल्सिंकी में साइन की गई थी। संधि में 34 देश शामिल थे। यह संधि 2002 में लागू हुई थी। इसके तहत ट्रीटी में शामिल देश एक-दूसरे देशों में प्लेन (एयरक्राफ्ट) से मिलीटरी एक्टिविटीज की जांच कर सकता है। यह प्लेन बिना वेपन का होता है, निगरानी सेंसर लगे होते हैं। यह जांच पड़ताल कर पाता है कि दूसरे देश में क्या हो रहा है। यूएस इस ट्रीटी से क्यों हट रहा है ? अमेरिका का आरोप है कि रूस इस ट्रीटी को नहीं मान रहा है। चूंकि दुनिया का सबसे बड़ा देश रूस है, तो यहां पर निगरानी करना आसान भी नहीं है। दूसरी बात है कि अब सैटलाइट इतने कैपेबल हो चुके हैं, कि अंतरिक्ष से ही किसी भी देश की मिलीटरी एक्टिविटी की निगरानी की जा सकती है।
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