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कार्बन डाइऑक्साइड के रोजाना होने वाले उत्सर्जन में 17 प्रतिशत तक की कमी आई। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि जब जनजीवन सामान्य होगा तो फिर हालात बदल जाएंगे। कार्बन उत्सर्जन वर्ष 2019 के स्तर से कम है। यह द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से कार्बन उत्सर्जन में सबसे बड़ी वार्षिक गिरावट है। अप्रैल में एक हफ्ते में अमेरिका ने अपने एक तिहाई कार्बन उत्सर्जन कम किया। विश्व के सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जक चीन ने फरवरी में कार्बन प्रदूषण में करीब एक चौथाई तक कटौती की। भारत-यूरोप ने 26 और 27 प्रतिशत कटौती की। अन्य महत्वपूर्ण रिपोर्ट :- 1- अंतर्राष्ट्रीय जलवायु और पर्यावरण अनुसंधान केंद्र’ संगठन (CICERO) नार्वे द्वारा किये गए अध्ययन के अनुसार, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से वर्ष 2020 मे वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में कार्बन उत्सर्जन में 5% की कमी दर्ज की गई है। 2- किस रिपोर्ट के अनुसार गत 40 वर्षों में पहली बार भारत के कार्बन उत्सर्जन में कमी दर्ज की गई है - कार्बन ब्रीफ 3- हाल ही में वैज्ञानिकों ने ओजोन छिद्र बंद होने का कारण बताया है - पोलर वोर्टेक्स (ध्रुवीय भंवर) वातावरण की असामान्य परिस्थितियों के कारण आर्कटिक के ऊपर तैयार हुआ ओजोन का सबसे बड़ा होल भर गया है। 4- लॉकडाउन के बाद उत्तर भारत में वायु प्रदूषण 20 साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंचा इसका आकलन किसने किया - नासा
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