इमैनुएल मैक्रों
डोनाल्ड ट्रंप
हसन रुहानी
शी जिनपिंग
अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि चीन और भारत के सीमा विवाद पर अमेरिका मध्यस्थता के लिए तैयार है। इसके लिए उन्होंने दोनों देशों की सरकारों को सूचना भी पहुंचाई है। कश्मीर पर भी मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया था। इससे पहले ट्रम्प ने कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने की बात कही थी, जिसे भारत ने ठुकरा दिया था। भारत ने कहा था कि यह उसका आंतरिक मसला है। चीन के रुख में बदलाव आया ? लद्दाख में खासतौर पर गवलान वैली में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर दोनों देशों की सेनाओं के भारी जमावड़े के बाद चीन ने अपने रुख में बदलाव का संकेत दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि दोनों देशों के पास बातचीत के ज़रिए मुद्दे सुलझाने का उचित तंत्र है। अब चीन-भारत सीमा पर स्थिति पूरी तरह स्थिर और नियंत्रण में है, मतलब हालात स्टेबल और कंट्रोल में । इंडिया-चाइना ने सीमा पर फौज की संख्या बढ़ाई। हालांकि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर दोनों तरफ से फौजी मूवमेंट बढ़ता जा रहा है। इंडिया ने चिनूक हेलीकॉप्टर और यूएवी (ड्रोन विमान) तैनात किए हैं, एयरफोर्स ने अपने फाइटर विमानों को भी तैयार रखा हुआ है। दूसरी ओर चीन ने भी अपने फाइटर प्लेंस को अक्साइ-चिन में तैनात किए हैं। तनाव के कारण- इंडिया और ऑस्ट्रेलिया ने डिफेंस लॉजिस्टिक पैक्ट साइन करने वाला है। 4 जून को इस पर इंडियन पीएम नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियन प्रेसिडेंट स्कॉट मॉरिसन के बीच वचुअल समिट (ऑनलाइन शिखर सम्मेलन) होने वाली है। इस पैक्ट के अनुसार इंडियन नेवी ऑस्ट्रेलिया के एक टापू पर बेस बना सकेगी, जबकि ऑस्ट्रेलियन नेवी अंडमान निकोबार समूह के एक आइलैंड पर बेस बना सकेगी। इंडिया ने वर्ल्ड हेथ एसेंबली में यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के साथ खड़े होकर कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच के लिए प्रस्ताव पेश किया था, जो पास भी हो गया। इंडिया-जापान और अमेरिका का क्वाड ग्रुप बना चुका है, जिससे चीन को प्रशांत महासागर और इंडियन ओसेन में उसकी एक्टिविटी पर नजर रखी जा रही है। LAC पर BRO का ने बड़े पैमाने पर एलएसी तक पहुंचने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट किए हैं। अब आसानी से एलएसी तक पहुंचा जा सकता है।
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