साउथ कोरिया
रूस
ऑस्ट्रेलिया
उपरोक्त सभी (साउथ कोरिया, रूस, ऑस्ट्रेलिया + INDIA)
G-7, दुनिया की सबसे पावरफुल इकोनॉमिक पावर्स का संगठन है। इसकी 46वीं समिट अमेरिका के कैंपडेविल में 10 से 12 जून 2020 को होनी थी। लेकिन अचानक कल (31 मई 2020) ट्रंप ने इस समिट स्थगित करने का अनाउंसमेंट कर दिया। यह इसलिए नहीं कि कोरोना पेंडेमिक है। बल्कि इसलिए कि ट्रंप का कहना है कि जी7 ग्रुप आज के समय आउटडेटेड है, इसकी इंपॉर्टेंस मॉर्डन वर्ल्ड के हिसाब से इतनी है नहीं कि इसकी समिट की जाए और इसमें INDIA, रसिया, साउथ कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को शामिल करके G-7 का एक्सपेंशन करना चाहिए। इसलिए अब यह समिट सितंबर 2020 में होगी, तो आने वाले वक्त में G7 का नाम बदलकर G10 या G11 हो सकता है। रूस को इसमें शामिल करने की पीछे मकसद है, चीन को आइसोलेट कर देना। रूस एक मिलीटरी पावर और एनर्जी पावर है। ऑस्ट्रेलिया और साउथ कोरिया मजबूत इकोनॉमी है। जबकि इंडिया उभरती हुई इकोनॉमी तो है ही, साथ ही इसे चीन के सामने मजबूत बनाकर खड़ा किया जा सकता है। भारत के साथ जहां लद्दाख सीमा पर तनातनी चल रही है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के साथ भी चीन के संबंध सही नहीं है। G-7 में शामिल देश: फ्राँस, जर्मनी, इटली, यूनाइटेड किंगडम, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा गठन - वर्ष 1975 वर्ष 1997 में रूस के इस समूह में शामिल होने के बाद कई वर्षों तक G-7 को 'G- 8' के रूप में जाना जाता था। वर्ष 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र के सैन्य अधिग्रहण के बाद रूस को सदस्य के रूप में इस समूह से निष्कासित किये जाने के बाद समूह को फिर से G-7 कहा जाने लगा।
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