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अमेरिका के बाद महामारी का केंद्र बनते जा रहे ब्राजील ने भी बाहर निकलने की धमकी दी है। ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने WHO पर पक्षपात और राजनीति करने का आरोप लगाया है। बोल्सोनारो की धमकी तब आई है जब ब्राजील में हर दिन मौत का आंकड़ा एक हजार के पार छूने लगा। बोल्सोनारो की नाराजगी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को लेकर है। लैंसेंट और न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में एक रिसर्च पेपर पब्लिश होने के बाद WHO ने पिछले महीने मई में इसके ट्रायल पर रोक लगा दी थी। बाद में जब यह रिसर्च पेपर फर्जी पाई गई, तब WHO ने इस दवा को सेफ बता दिया और कहा कि ट्रायल होगा। इसी को लेकर ब्राजील नाराज है। उसका कहना है कि WHO ने एक तरह से जानबूझकर ऐसा किया। इसकी वजह से बहुत से कोविड-19 मरीजों को हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन नहीं दी जा सकी और वे मर गए। बोल्सोनारो ने स्पष्ट किया कि यह महज कोई संयोग नहीं है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के WHO को वित्तीय मदद रोकने के फैसले के कुछ ही दिन बाद WHO ने कोविड-19 के इलाज के लिए हाइड्रोक्लोरोक्वीन का परीक्षण रोकने के निर्णय को बदल दिया। ब्राजील में 6.76 लाख मरीज हैं और 36 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
अमेरिका के बाद महामारी का केंद्र बनते जा रहे ब्राजील ने भी बाहर निकलने की धमकी दी है।
ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने WHO पर पक्षपात और राजनीति करने का आरोप लगाया है।
बोल्सोनारो की धमकी तब आई है जब ब्राजील में हर दिन मौत का आंकड़ा एक हजार के पार छूने लगा।
बोल्सोनारो की नाराजगी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को लेकर है।
लैंसेंट और न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में एक रिसर्च पेपर पब्लिश होने के बाद WHO ने पिछले महीने मई में इसके ट्रायल पर रोक लगा दी थी।
बाद में जब यह रिसर्च पेपर फर्जी पाई गई, तब WHO ने इस दवा को सेफ बता दिया और कहा कि ट्रायल होगा।
इसी को लेकर ब्राजील नाराज है।
उसका कहना है कि WHO ने एक तरह से जानबूझकर ऐसा किया।
इसकी वजह से बहुत से कोविड-19 मरीजों को हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन नहीं दी जा सकी और वे मर गए।
बोल्सोनारो ने स्पष्ट किया कि यह महज कोई संयोग नहीं है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के WHO को वित्तीय मदद रोकने के फैसले के कुछ ही दिन बाद WHO ने कोविड-19 के इलाज के लिए हाइड्रोक्लोरोक्वीन का परीक्षण रोकने के निर्णय को बदल दिया।
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बोल्सोनारो की नाराजगी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को लेकर है।
लैंसेंट और न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में एक रिसर्च पेपर पब्लिश होने के बाद WHO ने पिछले महीने मई में इसके ट्रायल पर रोक लगा दी थी।
बाद में जब यह रिसर्च पेपर फर्जी पाई गई, तब WHO ने इस दवा को सेफ बता दिया और कहा कि ट्रायल होगा।
इसी को लेकर ब्राजील नाराज है।
उसका कहना है कि WHO ने एक तरह से जानबूझकर ऐसा किया।
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बोल्सोनारो ने स्पष्ट किया कि यह महज कोई संयोग नहीं है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के WHO को वित्तीय मदद रोकने के फैसले के कुछ ही दिन बाद WHO ने कोविड-19 के इलाज के लिए हाइड्रोक्लोरोक्वीन का परीक्षण रोकने के निर्णय को बदल दिया।
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