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मंगल ग्रह पर 14 जुलाई को उपग्रह ‘अमल (आशा)’, जापान के तानेगाशिमा से लांच होगा। इसमें मंगल के वातावरण का आंकलन करने के लिए तीन तरह के सेंसर हैं. जिसमें ग्रह की धूल और ओज़ोन को मापने के लिए हाई-रिज़ोल्यूशन मल्टीबैंड कैमरा है। इस अभियान में यह मंगल ग्रह की कक्षा में मंगल वर्ष के आंकड़े इकट्ठा करेगा जो 687 दिनों का होता है। स्पेस मिशन में UAE का इतिहास - अंतरिक्ष अभियानों में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। उसने पृथ्वी की कक्षा में रॉकेट भेजा है और उसका एक अंतरिक्षयात्री अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में जा चुका है। अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अरब अंतिरक्ष यात्री सऊदी अरब के प्रिंस सुल्तान बिन सलमान अल-सऊद थे, जो 1985 में अमरीका के अंतरिक्ष यान में थे। यूएई का मानना है कि वो 2117 तक मंगल पर मानव बस्ती बसाएगा। राजधानी - Abu Dhabi प्रेसिडेंट – खलीफा बिन जायद अल नह्यान
मंगल ग्रह पर 14 जुलाई को उपग्रह ‘अमल (आशा)’, जापान के तानेगाशिमा से लांच होगा।
इसमें मंगल के वातावरण का आंकलन करने के लिए तीन तरह के सेंसर हैं. जिसमें ग्रह की धूल और ओज़ोन को मापने के लिए हाई-रिज़ोल्यूशन मल्टीबैंड कैमरा है।
इस अभियान में यह मंगल ग्रह की कक्षा में मंगल वर्ष के आंकड़े इकट्ठा करेगा जो 687 दिनों का होता है।
स्पेस मिशन में UAE का इतिहास -
अंतरिक्ष अभियानों में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है।
उसने पृथ्वी की कक्षा में रॉकेट भेजा है और उसका एक अंतरिक्षयात्री अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में जा चुका है।
अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अरब अंतिरक्ष यात्री सऊदी अरब के प्रिंस सुल्तान बिन सलमान अल-सऊद थे, जो 1985 में अमरीका के अंतरिक्ष यान में थे।
यूएई का मानना है कि वो 2117 तक मंगल पर मानव बस्ती बसाएगा।
राजधानी - Abu Dhabi
प्रेसिडेंट – खलीफा बिन जायद अल नह्यान
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इस अभियान में यह मंगल ग्रह की कक्षा में मंगल वर्ष के आंकड़े इकट्ठा करेगा जो 687 दिनों का होता है।
स्पेस मिशन में UAE का इतिहास -
अंतरिक्ष अभियानों में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है।
उसने पृथ्वी की कक्षा में रॉकेट भेजा है और उसका एक अंतरिक्षयात्री अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में जा चुका है।
अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अरब अंतिरक्ष यात्री सऊदी अरब के प्रिंस सुल्तान बिन सलमान अल-सऊद थे, जो 1985 में अमरीका के अंतरिक्ष यान में थे।
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