संयुक्त राष्ट्र महासभा
संयुक्त राष्ट्र
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संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में एफएओ, यूनिसेफ, आईएफएडी और डब्ल्यूएफपी द्वारा संयुक्त रूप से तैयार ‘द स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन इन द वर्ल्ड’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी वार्षिक अध्ययन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर बीते पाँच वर्षों में 10 लाख से अधिक लोग कुपोषितों की श्रेणी में शामिल हुए हैं, और विश्व भर के लगभग सभी देश कुपोषण के कई विभिन्न रूपों से जूझ रहे हैं। आँकड़ों के अनुसार, एशिया में कुपोषित लोगों की संख्या सबसे अधिक तकरीबन 381 मिलियन है, जबकि दूसरे स्थान पर अफ्रीका है जहाँ कुपोषितों की कुल संख्या 250 मिलियन है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कुपोषित लोगों की संख्या 2004-06 में 249.4 मिलियन से गिरकर 2017-19 में 189.2 मिलियन हो गई है। COVID-19 महामारी के पश्चात् आर्थिक विकास परिदृश्य के आधार पर वर्ष 2020 में विश्व में कुल कुपोषित लोगों की संख्या में 83 मिलियन से 132 मिलियन की वृद्धि हो सकती है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मोटापे के स्तर में वृद्धि हुई थी। भारत और चीन एकमात्र एशियाई देश हैं, जिन्होंने कुपोषित लोगों की संख्या में कमी की सूचना दी है।
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