इराक
सऊदी अरब
ईरान
यूएई (संयुक्त अरब अमीरात)
यह मिशन जापान के तानेगाशिमा से लांच हुआ है, जिसका नाम है ‘अल अमल’ (आशा) है। अनुमान के अनुसार फरवरी 2021 तक यह मार्स तक पहुंचेगा। इतिहास में चार स्पेस एजेंसी ही है, जिसने मार्स मिशन भेजा है, रूस की एजेंसी रॉसकोमॉस, अमेरिका की एजेंसी नासा, यूरापीय स्पेस एजेंसी और चौथी इसरो थी। अगर यूएई का मिशन मार्स तक पहुंच जाता है, तो वह ऐसा करने वाला पांचवां देश होगा। वैसे चीन भी कोशिश कर रहा है कि वह मार्स तक पहुंचे। इस साल वह मार्स मिशन लांच करने वाला है। यूएई का मार्स मिशन में मंगल के वातावरण का आंकलन करने के लिए तीन तरह के सेंसर हैं जिसमें ग्रह की धूल और ओज़ोन को मापने के लिए हाई-रिज़ोल्यूशन मल्टीबैंड कैमरा है। यह मंगल ग्रह तक पहुंचने में 49.3 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय करेगा। अंतरिक्ष अभियानों में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। उसने पृथ्वी की कक्षा में रॉकेट भेजा है और उसका एक अंतरिक्षयात्री अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में जा चुका है। अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अरब अंतिरक्ष यात्री सऊदी अरब के प्रिंस सुल्तान बिन सलमान अल-सऊद थे, जो 1985 में अमरीका के अंतरिक्ष यान में थे। यूएई का मानना है कि वो 2117 तक मंगल पर मानव बस्ती बसाएगा। Capital: Abu Dhabi प्रेसिडेंट – खलीफा बिन जायद अल नह्यान प्रधानमंत्री – मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम
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