क्लाइमेट रिसर्च होराइज़न
तारापुर विद्युत स्टेशन
नरौरा परमाणु ऊर्जा संयत्र
कैगा परमाणु ऊर्जा संयत्र
क्लाइमेट रिसर्च होराइज़न नामक शोध संस्थान द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के 11 राज्यों में 20 वर्ष से पुराने तापीय विद्युत संयंत्रों को बंद करने से सरकार को अगले पाँच वर्षों में 53,000 करोड़ रुपए की बचत हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में COVID-19 महामारी के दौरान विद्युत मांग में आई गिरावट के बीच पुराने कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों को बंद करने और निर्माणाधीन संयंत्रों के निर्माण कार्य को रोक कर 1.45 लाख करोड़ रुपए की बचत की जा सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, विद्युत वितरण कंपनियों की वित्तीय चुनौतियों को दूर करने हेतु केंद्र सरकार द्वारा उदय योजना (Ujwal Discom Assurance Yojana- UDAY) जैसे प्रयासों के बाद भी उनकी स्थिति और अधिक बिगड़ती गई है। वर्तमान में भारत में कुल उत्पादित विद्युत का लगभग 53% कोयला आधारित संयंत्रों से ही आता है। इस विश्लेषण में 11 राज्यों (आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल) को शामिल किया गया था। पूरे देश में विद्युत वितरण कंपनियों या डिस्कॉम द्वारा कुल बकाया राशि का लगभग आधा इन्हीं 11 राज्यों से है।
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