पॉंच
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चार
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हाल ही में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने ‘वास्तविक नियंत्रण रेखा’ (Line of Actual Control- LAC) पर लगभग 4 महीने से चल रहे तनाव को कम करने के लिये एक पाँच-सूत्री योजना को लागू करने पर सहमति व्यक्त की है। भारत और चीन के विदेश मंत्री ने रूस में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की विदेश मंत्रियों की बैठक से अलग एक द्विपक्षीय बैठक में सीमा विवाद पर बातचीत की। सीमा पर तनाव को कम करने के लिये दोनों पक्षों द्वारा स्वीकृत योजना के पाँच बिंदु निम्नलिखित हैं – 1. मतभेदों को विवाद न बनने देना: दोनों मंत्रियों ने इस बात पर सहमति जताई कि दोनों पक्षों को भारत-चीन संबंधों के विकास पर शीर्ष नेताओं के बीच हुई सहमतियों (वुहान और महाबलीपुरम अनौपचारिक शिखर सम्मेलन) से मार्गदर्शन लेना चाहिये जिसमें मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना भी शामिल है। 2. सीमा से सेनाओं को पीछे लाना: दोनों विदेश मंत्रियों ने इस बात पर सहमति जताई कि सीमावर्ती क्षेत्रों में मौजूदा स्थिति किसी भी पक्ष के हित में नहीं है। अतः दोनों पक्षों के सीमा सैनिकों को संवाद जारी रखना चाहिये, साथ ही उन्हें शीघ्र ही पीछे हटना चाहिये और तनाव कम करना चाहिये। 3. भारत-चीन सीमा प्रोटोकॉल का पालन : दोनों पक्षों को भारत-चीन सीमा मामलों पर सभी मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने और ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचने पर भी सहमति व्यक्त की गई जो तनाव को आगे बढ़ा सकती है। 4. संवाद जारी रखना: दोनों पक्षों ने सीमा से जुड़े मुद्दों पर विशेष प्रतिनिधियों (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी) के माध्यम से बातचीत जारी रखने पर सहमति व्यक्त की। साथ ही भारत-चीन सीमा मामलों पर ‘परामर्श और समन्वय हेतु कार्य तंत्र’ (Working Mechanism for Consultation and Coordination- WMCC) की बैठकों को जारी रखने पर सहमति व्यक्त की गई। गौरतलब है कि WMCC की शुरुआत वर्ष 2012 में की गई थी। 5. परस्पर विश्वास बढ़ाने के लिये नए कदम उठाना: दोनों मंत्रियों ने इस बात पर सहमति जताई कि जैसे ही स्थिति सामान्य होती है, दोनों पक्षों को सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता को बढ़ाने के लिये नए विश्वास निर्माण उपायों पर कार्य में तेज़ी लानी चाहिये।
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