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हाल ही में ओडिशा के ‘नंदनकानन जूलॉजिकल में लगातार दो स्लॉथ बीयर जिसमें 16 सितंबर, 2020 को एक 7 वर्षीय नर ‘स्लॉथ बीयर’ की और इसके अगले ही दिन (17 सितंबर) को एक 25 वर्षीय मादा स्लॉथ बीयर की भी समान लक्षणों के बाद मृत्यु हो गयी। इसके अलावा 30 अगस्त, 2020 को नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क में ही एक 28 वर्षीय हिमालयन ब्लैक बीयर की मृत्यु हो गई थी। वर्ष 2019 में ‘एलीफैंट एंडोथिलियोट्रोपिक हर्पीसवायरस’ के कारण एक माह के अंदर ही नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क के 8 में से 4 हाथियों की भी मृत्यु हो गई थी। नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क की स्थापना वर्ष 1960 में की गई थी। यह ‘WAZA’ (World Association of Zoos & Aquarium) का सदस्य बनाने वाला भारत का पहला चिड़ियाघर है। WAZA, चिड़ियाघरों और एक्वैरियम, क्षेत्रीय संघों, राष्ट्रीय महासंघों का वैश्विक गठबंधन है, यह दुनिया भर में जानवरों और उनके आवासों की देखभाल और संरक्षण के लिये कार्य करता है। यह चिड़ियाघर दुनिया का पहला कैप्टिव मगरमच्छ प्रजनन केंद्र था। स्लॉथ बीयर को IUCN की रेडलिस्ट में सुभेद्य (Vulnerable) की श्रेणी में रखा गया है।
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