1 और 3 सही है
2 और 3 सही है
1 और 2 सही है
तीनों सही है
भारतीय वायु सेना के लिये विकसित भारत की पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल ‘रुद्रम’ का भारत के पूर्वी तट से सुखोई-30 एमकेआई जेट से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। एंटी-रेडिएशन मिसाइलों को दुश्मन देश की रडार, संचार परिसंपत्तियों एवं अन्य रेडियो आवृत्ति स्रोतों का पता लगाने, ट्रैक करने और उनको बेअसर करने के लिये डिज़ाइन किया जाता है जो आमतौर पर किसी देश की वायु रक्षा प्रणालियों का हिस्सा होती हैं। इस तरह के मिसाइल नेवीगेशन तंत्र में एक जड़त्वीय नेवीगेशन प्रणाली शामिल होती है। ‘जड़त्वीय नेवीगेशन प्रणाली’ एक कम्प्यूटरीकृत तंत्र है जो ऑब्जेक्ट की अपनी स्थिति में परिवर्तन का उपयोग करता है और GPS के साथ युग्मित होता है। मिसाइल को एक दिशा में निर्देशित करने के लिये इसमें एक ‘पैसिव होमिंग हेड’ प्रणाली का भी उपयोग किया गया है। लड़ाकू विमानों से लॉन्च की जाने वाली मिसाइल मापदंडों के आधार पर रुद्रम की ऑपरेशनल रेंज 100 किमी. से अधिक है। रुद्रम, हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा डिज़ाइन एवं विकसित किया गया है। DRDO ने लगभग 8 वर्ष पहले इस तरह की एंटी-रेडिएशन मिसाइलों का विकास शुरू किया था। लड़ाकू जेट विमानों के साथ इसका एकीकरण भारतीय वायुसेना और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की विभिन्न DRDO सुविधाओं एवं संरचनाओं का एक सहयोगात्मक प्रयास रहा है। हालाँकि इस मिसाइल का परीक्षण सुखोई-30 एमकेआई जेट से किया गया है किंतु इसे अन्य लड़ाकू जेट विमानों से लॉन्च किये जाने के लिये भी अनुकूलित किया जा सकता है। रुद्रम को भारतीय वायु सेना की ‘सप्रेशन ऑफ एनिमी एयर डिफेंस’ (Suppression of Enemy Air Defence- SEAD) क्षमता को बढ़ाने के लिये विकसित किया गया है। SEAD रणनीति के कई पहलुओं में से एक के रूप में एंटी-रेडिएशन मिसाइलों का उपयोग मुख्य रूप से दुश्मन की हवाई रक्षा परिसंपत्तियों पर हमले के लिये हवाई संघर्ष के प्रारंभ में किया जाता है।
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