सात
पाँच
छः
चार
मेगास्थनीज ने अपनी पुस्तक इंडिका में भारतीय समाज को 7 श्रेणियों में विभाजित किया। एक दार्शनिक, दूसरा कृषक, तीसरा पशुपालक, चौथा कारीगर, पांचवा योद्धा, छठवां निरीक्षक, सातवां सभासद मेगास्थनीज भारतीय समाज में दास प्रथा के प्रचलित होने का उल्लेख नहीं करता है। मौर्य काल में कोई भी व्यक्ति न तो अपनी जाति से बाहर विवाह कर सकता था और न ही उससे भिन्न पेशा ही अपना सकता था।
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