1 सही है
2 दो सही है
दोनों सही है
इनमे से कोई नहीं
15 अक्टूबर, 2020 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने थैलेसीमिया बीमारी से ग्रस्त शोषित समाज के रोगियों के लिये ‘थैलेसीमिया बाल सेवा योजना’ के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। थैलेसीमिया बाल सेवा योजना की शुरुआत वर्ष 2017 में की गई थी। यह कोल इंडिया का ‘कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी’ के तहत वित्तपोषित ‘हेमाटोपोएटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन’ (Hematopoietic Stem Cell Transplantation- HSCT) कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य थैलेसीमिया एवं सिकल सेल जैसे हीमोग्लोबिनोपैथी रोग के इलाज से वंचित परिवारों को जीवन में एक बार इलाज कराने का अवसर प्रदान करना है। इस पहल का लक्ष्य कुल 200 रोगियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना था जो प्रति HSCT 10 लाख रुपए से अधिक नहीं होगी। भारत में विभिन्न हीमोग्लोबिनोपैथी रोग के छुपे हुए वाहकों की व्यापकता पर मौजूद आँकड़े बताते हैं कि यह बीटा-थैलेसीमिया के लिये 2.9-4.6% है, जबकि जनजातीय आबादी के बीच सिकल सेल एनीमिया के लिये यह 40% तक हो सकता है। वर्ष 2020 से अप्लास्टिक एनीमिया के कुल 200 रोगियों को शामिल करने के लिये इस योजना का विस्तार किया गया है।
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