विश्व बैंक
एशियाई विकास बैंक
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
विश्व आर्थिक मंच
हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में ‘केंद्रीय मंत्रिमंडल’ द्वारा विश्व बैंक समर्थित ‘STARS प्रोजेक्ट’ से जुड़े कई कार्यक्रमों को मंज़ूरी दी गई। इस परियोजना की कुल लागत 5,718 करोड़ रुपए है, जिसमें लगभग 3700 करोड़ रुपए की सहायता राशी विश्व बैंक से प्राप्त होगी। STARS प्रोजेक्ट को शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के तहत एक नवीन केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया जाएगा। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग’ के तहत एक स्वतंत्र और स्वायत्त संस्थान के रूप में ‘परख’ नामक ‘राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र’ की स्थापना। 'परख', ‘नवीन शिक्षा नीति’ (NEP)- 2020 में प्रस्तावित मूल्यांकन सुधारों में से एक है। NEP का एक प्रमुख उद्देश्य सामूहिक रूप से स्कूलों, बोर्डों को हाई-स्टैक की परीक्षाओं से दूर रखना और समग्र मूल्यांकन की ओर ले जाना है। STARS प्रोजेक्ट 6 राज्यों- हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और ओडिशा को छात्रों के बुनियादी पठन और गणित कौशल को बेहतर बनाने तथा मूल्यांकन सुधारों का समर्थन करेगा। इस परियोजना के अलावा 5 राज्यों- गुजरात, तमिलनाडु, उत्तराखंड, झारखंड और असम में भी इसी तरह के एक प्रोजेक्ट को 'एशियाई विकास बैंक' के वित्तपोषण से लागू करने की परिकल्पना की गई है। STARS प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन से भारतीय स्कूली शिक्षा प्रणाली में समग्र निगरानी और मापक गतिविधियों में सुधार लाने में मदद मिलेगी तथा इससे भारत को PISA मूल्यांकन प्रणाली में अपनी रैंकिंग सुधारने में भी मदद मिलेगी। PISA की शुरुआत 'आर्थिक सहयोग और विकास संगठन' (OECD) द्वारा वर्ष 2000 में की गई थी। यह अधिगम गणित और विज्ञान में 15 वर्षीय बच्चों के सीखने के स्तर का परीक्षण करता है। परीक्षण हर तीन वर्ष में आयोजित किया जाता है। भारत ने वर्ष 2009 में अपने निराशाजनक प्रदर्शन के बाद वर्ष 2012 और वर्ष 2015 में PISA में भाग नहीं लिया। वर्ष 2009 में भारत 74 प्रतिभागी देशों के बीच 72वें स्थान पर रहा था। सरकार ने वर्ष 2019 में PISA में भाग लेने का निर्णय लिया है।
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