‘समुद्री-घास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये - 1. हाल ही में ‘सोसाइटी फॉर कंज़र्वेशन ऑफ नेचर’ त्रिची (तमिनलाडू) के अध्यक्ष द्वारा ‘समुद्री-घास’ के महत्त्व को उजागर किया गया। 2. समुद्री-घास में प्रजातीय विविधता बहुत कम पाई जाती है, लेकिन प्रजातियों का वितरण बहुत व्यापक स्तर पर पाया जाता है। 3. यह भारत के संपूर्ण तटीय क्षेत्रों में पाई जाती है। उपरोक्त कथनों में से कौन सी सही है -

  • 1

    केवल 1

  • 2

    केवल 2

  • 3

    1, 2 और 3 तीनो सही है।

  • 4

    इनमें से कोई नहीं

Answer:- 3
Explanation:-

हाल ही में ‘सोसाइटी फॉर कंज़र्वेशन ऑफ नेचर’ त्रिची(तमिलनाडू) के अध्यक्ष द्वारा ‘समुद्री-घास’ के महत्त्व को उजागर किया गया। SCON, भारत सरकार के ‘सोसायटी अधिनियम’ के तहत पंजीकृत एक गैर-लाभकारी, गैर-सरकारी संगठन है। समुद्री-घास के बारे में समुद्री -घास समुद्री पुष्पी पौधे होते हैं जो मुख्यतः उथले सागरीय जल यथा - जलमग्न खाड़ी और लैगून में उगते है। हालँकि समुद्री-घास मृदा से लेकर चट्टानीय भागों तक उप-परत में पाई जाती है, लेकिन हरी-भरी समुद्री-घास मुख्यतः दलदल और रेतीली उपस्तरीय परत में पाई जाती है। यहाँ उपपरत/सब्सट्रेट का तात्पर्य उस परत से जो सागरीय जल के नीचे पाई जाती है। यह अलिस्मातालेस (Alismatales) गुण(Order) से संबंधित है, जिसकी चार परिवारों से संबंधित 60 प्रजातियाँ पाई जाती है। समुद्री-घास में प्रजातीय विविधता बहुत कम पाई जाती है (60 प्रजातियाँ), लेकिन प्रजातियों का वितरण बहुत व्यापक स्तर पर पाया जाता है।

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