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दक्षिण अमेरिकी देश चिली के लोगों ने भारी बहुमत से देश का संविधान दोबारा लिखने का समर्थन किया है। मौजूदा संविधान तानाशाही के दौर में लिखा गया था जो आलोचकों के मुताबिक सामाजिक और आर्थिक असमानता को बढ़ावा देता है। राष्ट्रपति सेबास्टियन पिन्येरा की रुढ़िवादी सरकार कई हफ्तों के प्रदर्शनों के दबाव में इस जनमत संग्रह के लिए तैयार हुई। प्रदर्शन करने वाले लोग बेहतर शिक्षा, ऊंची पेंशन और नवउदारवादी आर्थिक नीतियों को खत्म करने की मांग कर रहे थे। इसमें दो सवाल पूछे गए थेः क्या संविधान को दोबारा लिखा जाना चाहिए अगर हां तो यह काम किसे करना चाहिए। मतदाताओं को दो विकल्प दिए गए थे एक तो लोगों के द्वारा चुनी हुई संवैधानिक परिषद के जरिए या फिर एक ऐसी मिली जुली परिषद के जरिए जिसमें आधे संसदीय प्रतिनिधि हों और आधे आम लोगों में से चुने गए प्रतिनिधि।
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