इफ्फी कोशेंट
छोटे कार्बोनेसिअस कण
जीनस कुदक्रममिया
‘रन ऑफ द रिवर’
हाल ही में हिमालय-तिब्बत पठार के एक अनुसंधान स्टेशन द्वारा एकत्र किये गए हवा के नमूनों के अध्ययन में पाया गया है कि हवा में मौजूद कणों में लगभग 28% कण ‘टारबॉल’ हैं। कुछ लोग हिमालय-तिब्बत पठार को ‘तीसरा ध्रुव’ मानते हैं क्योंकि इस क्षेत्र में उत्तर एवं दक्षिण ध्रुवों के बाहर हिमनद एवं हिम का सबसे बड़ा भंडार मौजूद है। उल्लेखनीय है कि जलवायु परिवर्तन एवं मानव प्रभाव के प्रति बेहद संवेदनशील ये ग्लेशियर पिछले एक दशक में सिकुड़ते जा रहे हैं। ‘टारबॉल’ प्रकाश-अवशोषित करने वाले छोटे कार्बोनेसिअस कण हैं जो बायोमास या जीवाश्म ईंधन के जलने के कारण निर्मित होते हैं और बर्फ की चादर पर जमा होते रहते हैं। टारबॉल का प्रतिशत प्रदूषण के उच्च स्तर के दिनों में बढ़ जाता है जिससे ग्लेशियर के पिघलने एवं वैश्विक तापन का अनुमान लगाया जा सकता है। सिंधु-गंगा के मैदान में गेहूँ की फसल के अवशेषों को जलाने से वातावरण में कार्बन क्लस्टर का निर्माण होता है जिसे हिमालयी वातावरण तक पहुँचाने में वायु राशियाँ अहम भूमिका निभाती हैं।
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