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अमेरिकी सरकार ने 22 नवंबर 2020 को इससे बाहर होने की घोषणा की है। हालांकि इससे पहले 21 मई 2020 को अमेरिका ने इससे अलग होने का ऐलान किया था, लेकिन अब औपचारिक रूप से अलग हो गया है। यह ट्रीटी 24 मार्च 1992 में हेल्सिंकी में साइन की गई थी तथा 2002 में लागू हुई जिसमें संधि में 34 देश शामिल थे। इसके तहत ट्रीटी में शामिल देश एक-दूसरे देशों में प्लेन (एयरक्राफ्ट) से मिलीटरी एक्टिविटीज की जांच कर सकता है। यह प्लेन बिना वेपन का होता है। निगरानी सेंसर लगे होते हैं। यह जांच पड़ताल कर पाता है कि दूसरे देश में क्या हो रहा है। यूएस इस ट्रीटी से क्यों हट रहा है? अमेरिका का आरोप है कि रूस इस ट्रीटी को नहीं मान रहा है। चूंकि दुनिया का सबसे बड़ा देश रूस है, तो यहां पर निगरानी करना आसान भी नहीं है। दूसरी बात है कि अब सैटलाइट इतने कैपेबल हो चुके हैं, कि अंतरिक्ष से ही किसी भी देश की मिलिट्री एक्टिविटी की निगरानी की जा सकती है।
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